भाजपा शासनकाल में 80 हजार परिवार ने धर्म परिवर्तन किया था : कांग्रेस

2011 के बाद जनगणना नहीं होने के चलते रमन सरकार के दौरान और कितने परिवार ने धर्म परिवर्तन किया है उसके आंकड़े सामने नहीं आ पाए हैं। मोदी सरकार समय पर जनगणना कराती तो 2011 से लेकर 2018 तक प्रदेश में कितने लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है यह स्पष्ट हो जायेगा।

भाजपा शासनकाल में 80 हजार परिवार ने धर्म परिवर्तन किया था : कांग्रेस

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने धर्म परिवर्तन के नाम से ओछी राजनीति कर रहे भाजपा नेताओं को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन के नाम से राजनीति करने वाले भाजपा नेताओं को भारत के रजिस्टार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय के डाटा का अवलोकन और आकलन करना चाहिए 2003 से 2011 के बीच में प्रदेश में धर्मांतरित लोगो की जनसंख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। लगभग 80 हजार परिवार ने धर्म परिवर्तन किया है। 2011 के बाद जनगणना नहीं होने के चलते रमन सरकार के दौरान और कितने परिवार ने धर्म परिवर्तन किया है उसके आंकड़े सामने नहीं आ पाए हैं। मोदी सरकार समय पर जनगणना कराती तो 2011 से लेकर 2018 तक प्रदेश में कितने लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है यह स्पष्ट हो जायेगा।

रमन भाजपा सरकार के संरक्षण में धर्म परिवर्तन कराने वाले सक्रिय थे। उस दौरान पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में बहुतायात मात्रा में चर्च का निर्माण हुआ है और भाजपा के कद्दावर नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव रमन सरकार के दौरान ही घर वापसी अभियान चलाते थे और धर्म परिवर्तन करने वालों को वापस मूल धर्म में लाते थे। आज भाजपा सत्ता में नहीं है तब वह धर्म परिवर्तन की आड़ में अपनी राजनीति कर रही हैं। प्रदेश में 2004 से 2011 तक 80 हजार परिवार ने धर्म परिवर्तन किए हैं वह भाजपा सरकार के संरक्षण में हुए हैं और 2011 के 18 तक के अनुमानित आंकड़े निकाले जाएं तो रमन सरकार के दौरान 15 साल में डेढ़ लाख से अधिक परिवार ने  धर्म परिवर्तन किया था।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा विपक्ष में आने के बाद भाजपा और आरएसएस के द्वारा सुनियोजित षडयंत्र करके उठाया जा रहा है। आरएसएस ने क्रिसमस भोज का आयोजन किया था उसी दिन पटकथा लिखि गयी तथा आरएसएस के लोग फर्जी तरीके और गुपचुप धर्मांतरण कराते है तथा भाजपा के लोग बयानबाजी कर उसको दबा देते है ताकि माहौल बिगाड़ा जा सके और फर्जी धर्मांतरण का मुद्दा उठाकर राजनैतिक रोटी सेंका जा सका। भाजपा का कोई नेता धर्मांतरण के मामले को लेकर थाने नहीं जाता उसे डर रहता है कि पुलिस जांच से उनके फर्जीवाडे की पोल खुल जायेगी।