नेता वही जो कठिन काम को सरल बना दे....
नेता तो वही होता है जिसके लिए कठिन से कठिन काम सरल होता है। कठिन से कठिन काम को जिसे आसानी से करना व करवाना आता है। बड़े से बड़ा लक्ष्य तय करना आता है और हासिल कैसे किया जा सकता है, यह भी आता है। बड़ा नेता ही बड़ा लक्ष्य तय करता है, उसे हासिल करके दिखाता है। बड़ा नेता तो हर बड़े लक्ष्य को हासिल कर और बड़ा हो जाता है। वह जितना बड़ा होता जाता है, उसका लक्ष्य भी उतना ही बड़ा होता जाता है।

नेता तो वही होता है जिसके लिए कठिन से कठिन काम सरल होता है। कठिन से कठिन काम को जिसे आसानी से करना व करवाना आता है। बड़े से बड़ा लक्ष्य तय करना आता है और हासिल कैसे किया जा सकता है, यह भी आता है। बड़ा नेता ही बड़ा लक्ष्य तय करता है, उसे हासिल करके दिखाता है। बड़ा नेता तो हर बड़े लक्ष्य को हासिल कर और बड़ा हो जाता है। वह जितना बड़ा होता जाता है, उसका लक्ष्य भी उतना ही बड़ा होता जाता है।
पीएम मोदी भाजपा के ऐसे ही नेता हैं। वह निरंतर ब़ड़ा लक्ष्य हासिल करने के साथ ही अपना लक्ष्य भी और बड़ा करते जा रहे हैं।लोकसभा चुनाव २०१४ में भाजपा ने २८२ सीटें जीती थीं और एऩडीए ने ३३६ सीटें जीती थीं। २०१९ में भाजपा ने ३०३ सीटें जीती थी और एनडीए ने ३५२ सीटें जीती थी।हर बार पीएम मोदी भाजपा व एनडीए के लिए बड़ा लक्ष्य तय करते हैं। पिछली दो बार की तरह इस बार मोदी ने भाजपा के लिए ३७० और एनडीए के लिए ४०० प्लस सीटे जीतने का लक्ष्य तय किया है।
पीएम मोदी बड़े नेता इसलिए नहीं है कि वह बड़ा लक्ष्य तय करते हैं, वह इसलिए बड़े नेता है कि वह बड़ा लक्ष्य हासिल भी करके दिखाते हैं। यानी उन्हें यह पता रहता है कि किसी बढ़े लक्ष्य को कैसे हासिल किया जा सकता है। वह जानते हैं कि किसी बड़े काम को कैसे आसानी से सामूहिक रूप से किया जा सकता है।पहले वह पार्टी के लिए बड़ा लक्ष्य करते है, उसके बाद पार्टी को बताते हैं कि उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। हर बार भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ रहा है,हर बार भाजपा की सीटें बढ़ रही है। वह जानते हैं कि यह भाजपा के नेता व कार्यकर्ता की सफलता है। भाजपा नेता व कार्यकर्ता बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा कार्यकर्ताओं को पीेएम मोदी ने महाधिवेशन में बताया है कि ३७० के लक्ष्य को कैसे हासिल किया जा सकता है। पीएमम पीएम मोदी ने भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को बताया तुम्हें बूथ स्तर पर हर बूथ में इस बार ३७० नए वोट १०० दिन मे जुटाने हैं। कार्यकर्ताओं के लिए यह कोई बड़ा काम नहीं है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सारे बूथों के आंकड़े आएंगे यह आंकड़ों करोड़ो में होगा।
यह मोदी का कार्यकर्ताओं से काम कराने का तरीका है। वह कार्यकर्ताओं को बड़ा काम नहींं बताते हैं, वह नहीं कहते हैं कि तुमको छह करोड वोट पार्टी को दिलाना है। वह कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि तुमको हर बूथ से मात्र ३७० वोट दिलाना है।जब हर कार्यकर्ता यह छोटा छोटा काम करता है तो वह कुल मिलाकर राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा काम हो जाता है। मोदी कार्यकर्ता से कहते हैं तुम सिर्फ हर बूथ में ३७० वोट ज्यादा दिलाओ, भाजपा को ३७० सीेटें मिल जाएंगी।पीएम मोदी ने जब कहा कि भाजपा इस बार ३७० सीेटें जीतेगी तो यह आंकड़ा चर्चा का विषय रहा कि पीएम मोदी ने ३७० सीटें ही क्यों कही,,३८० या ३६० सीटें क्यों नहीं की।
भाजपा के महाधिवेशन में पीएम मोदी ने इस बात का खुलासा किया कि भाजपा इस बार ३७० सीटें ही क्यों जीतना चाहती है। पीएम मोदी ने बताया धारा-३७० को हटाने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। पीएम मोदी इस बार के लोकसभा चुनाव में ३७०सींटें जीतकर उनको श्रध्दांजलि देना चाहते हैं। भाजपा इस बार ३७०सीटें जीतती है तो यह भाजपा की श्यामाप्रसाद मुखर्जी को दी गई अब तक की सबसे बेहतरीन श्रध्दांजलि होगी। सच है कि पीएम मोदी को अपनी पार्टी के महान नेताओं का सम्मान करना आता है तो वह ऐसा सम्मान करते हैं जो इतिहास में याद किए जाने योग्य होता है।