मानसून सत्र में मिलेगी 36 हजार दैनिक श्रमिको को खुशखबरी?
सभी दैनिक श्रमिको के लिए दैनिक श्रमिक मोर्चा ने मध्य प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश की स्थाई, नियमित करने जैसी नीति नियम छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग रखी है। 48 हजार दैनिक श्रमिको को मध्य प्रदेश में स्थाई कर एनपीएस, महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि, अनुकम्पा लाभ प्रदान किया जा रहा है।

LIVE 24 NEWS I सभी दैनिक श्रमिको के लिए दैनिक श्रमिक मोर्चा ने मध्य प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश की स्थाई, नियमित करने जैसी नीति नियम छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग रखी है। 48 हजार दैनिक श्रमिको को मध्य प्रदेश में स्थाई कर एनपीएस, महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि, अनुकम्पा लाभ प्रदान किया जा रहा है। हिमाचल में इनका नियमितिकरण प्रकियाधींन है। 4 वर्ष पूर्ण करते जाने पर नियमित करने का बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में लगभग 10 प्रकार के कर्मचारी श्रमिक कार्य पर सरकार द्वारा अस्थायी रखे जाते हैं। संविदा, दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्सिंग, प्लेसमेंट, ठेका, दैनिक श्रमिक (श्रम आयुक्त दर /कलेक्टर दर) अंशकालीन, जॉब दर, मानदेय, आकस्मिकता निधि /कार्य भारीत। छत्तीसगढ़ प्रदेश में 2018 के घोषणा पत्र में वर्तमान सरकार ने इन सभी से अलग-अलग वादे किए थे। चुनावी वर्ष प्रारंभ हो चुका है, चुनाव में कुछ माह शेष बचे हैं। इन सभी ने भी अपनी मांगे जोर शोर से रखना प्रारंभ कर दिया है।
इन कर्मचारीयो में से दैनिक श्रमिको ने सरकार से अपनी मांगों को रखा है। दैनिक श्रमिक ऐसा कर्मचारियों का समूह है जो दैनिक वेतन भोगी, आकस्मिकता निधि/ कार्यभारित में नही आता है। इनकी संख्या लगभग 36 हजार छत्तीसगढ़ शासन के समस्त 50 से अधिक विभागों में है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के समान कार्यों में रखे गए हैं। इन्हें किसी भी प्रकार का नियुक्ति पत्र नही दिया गया है एंव आवश्यकता अनुसार पूर्णकालिक कार्य में कार्यरत हैं। नियमित रूप से संबंधित विभाग अलग-अलग श्रेणियों के लिए लागू श्रम आयुक्त दर/ कलेक्टर दर के अनुसार राजकोष से वेतनमान, इन्हें प्रदान कर रहा है। दैनिक वेतन भोगी, आकस्मिकता/कार्यभारित और दैनिक श्रमिको में अंतर केवल नियुक्ति पत्र का है।