कुछ तो सरकार को करना ही था.....

नई सरकार आती है तो वह अपनी हर विभाग की नई नीति बनाती है, नई योजनाएं बनाती हैं। जनता को दिखाना होता है कि देखों हमारी सरकार पिछली सरकार से कितनी अलग है, कितना अलग सोचती है, कितना अलग करती है, कितना जनता का ख्याल रखती है।नई सरकार को भी आबकारी नीति में कुछ तो नया करना था, कुछ तो पिछली सरकार से अलग करना था, यह दिखाना था कि इस सरकार की नीति पिछली सरकार की आबकारी नीति से अलग है। सरकार ने नई आबकारी नीति २४-२५ का अनुमोदन कैबिनेट की बैठक में किया गया है। सरकार ने यह अहम फैसला किया है कि सरकार अब राज्यम में नई शराब दुकान नहीं खोलेगी।राज्य में कुल ६७२ सरकारी शराब दुकानें हैं तो वह उतनी ही रहेंगी।
साय सरकार का यह फैसला अब तक हुई सरकारों से अलग है। रमन सरकार की शराब नीति आंशिक शराबबंदी की थी। इस नीति के तहत रमन सरकार शराब दुकानों की संख्या हर साल कम करती थी।भूपेश सरकार ने ऐसी कोई नीति नहीं बनाई थी, उसने चुनाव में वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनी तो राज्य मेें शराबबंदी की जाएगी। लेकिन वह पांच साल तक शराबबंदी नहीं कर सकें। भूपेश सरकार की यह बड़ी असफलता है।जब भी उनकी सरकार को याद किया जाएगा तो उनकी यह बड़ी असफलता भी याद की जाएगी। भूपेश बघेल के मुकाबले रमन सिंह की नीति ज्यादा ठीक थी कम से कम उन्होंने जो कहा वह किया तो। साय की नीति भी ठीक है कम से कम उन्होंने जो कहा है वह कर तो सकते हैं।
साय सरकार की यह नीति एक साल के लिए है। इससे सरकार को कोई बड़ा नुकसान नहीं होग। इससे सरकार जनता को यह संदेश देने में सफल रही है कि वह राज्य में शराब बिक्री को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं है।यह बात तो सभी जानते हैं कि राज्य सरकार को शराब की बिक्री से बडी आय होती है।सरकार चाहती है कि यह जो आय हो रही है,वह होती रहे ताकि सरकार को जनहित के काम के लिए पैसों की कमी न हो।साय सरकार ने अपनी आबकारी नीति से साफ कर दिया है कि वह शराब से कमाई करने के पक्ष में नहीं है। जो नीति चली आ रही है, वह चलती रहेगी। भूपेश बघेल सरकार के समय आबकारी घोटाला हुआ है, उस तरह का घोटाला अब न हो। इस ओर भी सरकार को ध्यान देना होगा।
काम तो भूपेश सरकार ने अच्छे किए थे लेकिन वह अपने समय में भ्रष्टाचार होने से रोक नहीं सकी। राज्य में भ्रष्टाचार को रोकना सरकार का काम है। भूपेश सरकार तो इस पर रोक नहीं लगा सकी थी। साय सरकार को इस पर रोक लगाकर दिखाना होगा। वह अगर आबकारी विभाग में कोई घोटाला नहीं होने देते है तो भी यह साय सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी। राज्य की जनता यह तो कहेगी कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार नही होने दिया।
सीएम साय को पीएम मोदी से सीखना चाहिए कि अपनी सरकार के मंत्रियों को कैसे भ्रष्टाचार से मुक्त रखा जा सकता है।पीएम मोदी यह सफलता है कि दस साल में उनकी सरकार के किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।इसके लिए पीएम मोदी ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है।पीएम मोदी की सरकार के मंत्रियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना पड़ता है।सीएम साय चाहे तो वह भी अपने मंत्रियों से कह सकते है कि वह भी हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें। हर साल सपत्ति बढ़ी है तो कितनी बढ़ी है। क्यों बढ़ी है। जनता भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चाहती है.सीएम साय दे सके तो यह उनकी बड़ी उपलब्धि होगी।