छत्‍तीसगढ़ से दिल्‍ली तक तेजी से फैल रहा Eye Flu का इंफेक्शन, जांच में वायरस की हुई पहचान

मानसून सीजन में कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) बड़ी तेजी से फैल रहा है। राजधानी में कुछ लोगों में वायरस और बैक्टीरिया का डबल संक्रमण मिला है।

छत्‍तीसगढ़ से दिल्‍ली तक तेजी से फैल रहा Eye Flu का इंफेक्शन, जांच में वायरस की हुई पहचान

रायपुर।  छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार समेत कई राज्यों में लोग आंखें लाल होने से परेशान हैं। मानसून सीजन में कंजंक्टिवाइटिस बड़ी तेजी से फैल रहा है। छत्तीसगढ़ में डाक्टरों ने गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना जताई है।

कंजंक्टिवाइटिस के वायरस की पहचान

स्वास्थ्य विभाग ने म्यूटेशन का पता लगाने की जिम्मेदारी एम्स को सौंपी है। सप्ताहभर में म्यूटेशन रिपोर्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग ने वायरस की पहचान के लिए कल्चर टेस्ट कराया था, जिसमें एडिनो वायरस के साथ स्टेपलर काकस बैक्टीरिया की पहचान हुई थी। राजधानी में कुछ लोगों में वायरस और बैक्टीरिया का डबल संक्रमण मिला है।

स्वासथ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देश के कई राज्यों में कंजक्टिवाइटिस के मामले सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस में म्यूटेशन का पता लगाने के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) लैब में सैंपल जांच कराने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ़ में म्यूटेशन का पता लगाने की लैब एम्स में उपलब्ध है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आंख की समस्या से परेशान ज्यादातर लोग कंजक्टिवाइटिस की चपेट में है। मौसम में नमी और उमस भरी गर्मी से कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या में इजाफा होता है। हालांकि, इस बार हर साल की तुलना में कुछ ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं, जिसके कुछ अहम कारण हो सकते हैं। वायरस के म्यूटेशन से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
हवा से नहीं फैलता वायरस

कंजंक्टिवाइटिस के वायरस हवा से नहीं फैलते हैं। पीड़ित से हाथ मिलाने से बीमारी होती है। अहम बात यह हैं कि बड़ी संख्या में बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। हालांकि, कंजक्टिवाइटिस किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता हैं। डाक्टरों का कहना है कि खुजली होने पर पीड़ित आंखों को छू लेते हैं, जिससे वायरस चिपक जाते हैं।

परिवार में यदि कोई एक इसकी चपेट में आता है तो बाकी सदस्यों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत हैं। लोगों को इस वायरस से घबराने की जरूरत नही है। इस वायरस से आंखों को गंभीर नुकसान नहीं हो सकता है। यह आंखों में सिर्फ सूजन पैदा कर रहा है। सप्ताहभर में वायरस का असर खत्म हो जा रहा है।

दो हजार से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी रूकी

कंजंक्टिवाइटिस की वजह से प्रदेश के शासकीय और निजी अस्पतालों में दो हजार से अधिक मोतियाबिंद की सर्जरी प्रभावित हो चुकी है। प्री-प्लान तरीके से होने वाली सर्जरी के लिए संक्रमण कम होने का इंतजार किया जा रहा है।

अंधत्व निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. सुभाष मिश्रा ने कहा, डाक्टरों ने वायरस में म्यूटेशन की संभावना जताई है। इसके लिए एम्स को पीड़ितों का सैंपल लेकर पता लगाने के लिए कहा गया है। कंजंक्टिवाइटिस की दवा प्रदेश के सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कुछ दिनों से मरीजों की संख्या कम हुई है।

कंजंक्टिवाइटिस होने पर यह करें उपाय

- जलन से राहत पाने आंखों को ठंडे पानी से धोएं

- आंखों को रगड़ने से बचें, इससे आंखों में दूसरी परेशानी हो सकती है

- साफ रूई को पानी में भिगोकर पलकों पर जमें हुए डिस्चार्ज को साफ करें

- डाक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा लेने से बचें

- आंख ठीक होने तक कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल न करें

- पलकाें और चेहरे को माइल्ड साबुन से ही धोएं

- आंखों में आई ड्राप डालने से पहले अपने हाथों को धो लें