विधानसभा चुनाव से पहले शहरी वोटरों का मन टटोलने कांग्रेस ने शुरू किया सर्वे

विधानसभा चुनाव से पहले शहरी वोटरों का मन टटोलने के लिए कांग्रेस ने सर्वे शुरू किया है।

विधानसभा चुनाव से पहले शहरी वोटरों का मन टटोलने कांग्रेस ने शुरू किया सर्वे

रायपुर।  विधानसभा चुनाव से पहले शहरी वोटरों का मन टटोलने के लिए कांग्रेस ने सर्वे शुरू किया है। इसके लिए कांग्रेस ने एक हितग्राही फार्म बनवाया है। इसमें पूछा जा रहा है कि सरकार की कौन-कौन सी योजना का लाभ ले रहे हैं। अंत में एक नंबर पर मिस्ड काल भी करना है। ऐसा करके पार्टी शहरी वोटरों तक पहुंचने की राह तलाश रही है। प्रदेश की शहरी क्षेत्र की सात विधानसभा सीट रायपुर दक्षिण, वैशाली नगर, राजनांदगांव, धमतरी, बिल्हा, बेलतरा और भाठापारा को छोड़कर सभी सीट पर कांग्रेस विधायक हैं।

कांग्रेस की शहरी वोटरों के प्रभाव वाली सीटों को अपने पाले में करने की कोशिश

पिछले चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 90 में से सिर्फ 15 सीट पर जीत दर्ज की थी। इसमें से सात सीट शहरी वोटरों के प्रभाव वाली है। कांग्रेस की कोशिश शहरी वोटरों के प्रभाव वाली सीटों को अपने पाले में करने की है। इस पूरी कवायद को इसी की पहली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा ने जिन शहरों मतदाताओं वाली सीट पर जीत दर्ज की है, उसमें राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल, बिल्हा से धरमलाल कौशिक और भाठापारा से शिवरतन शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।

बिल्हा और बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में बिलासपुर नगर निगम के कुछ वार्ड आते हैं। कांग्रेस की लहर में भी इन नेताओं ने अपनी सीट बचाने में सफलता पाई थी। यहां बता दें कि दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में मौत के बाद हुए उपचुनाव में यहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। वहीं वैशाली नगर के विधायक विद्यारतन भसीन की मृत्यु के बाद अब भाजपा के 13 विधायक बचे हैं।

शहरी वोटरों को बता रहे कांग्रेस और भाजपा सरकार का फर्क

शहरी वोटरों को कांग्रेस और भाजपा की सरकार का फर्क भी बताया जा रहा है। इसके लिए एक पंपलेट तैयार किया गया है। इसमें रमन सरकार की 15 साल की असफलता और भूपेश सरकार की साढ़े चार साल की उपलब्धि का जिक्र हैं। यह पंपलेट सभी नगरीय निकायों में बांटा जा रहा है।