कार्तिक पूर्णिमा पर गोवर से बने दीपक से हुआ दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राजनांदगांव शहर के प्रसिद्ध दीपदान स्थल मोहारा नदी में दीपदान के लिए गौ संस्कृति अनुसंधान संस्थान राजनांदगांव द्वारा देशी गाय के गोवर से बने तैरने वाले दिये की व्यवस्था की गई थी।

कार्तिक पूर्णिमा पर गोवर से बने दीपक से हुआ दीपदान

राजनांदगांव ।  कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राजनांदगांव शहर के प्रसिद्ध दीपदान स्थल मोहारा नदी में दीपदान के लिए गौ संस्कृति अनुसंधान संस्थान राजनांदगांव द्वारा देशी गाय के गोवर से बने तैरने वाले दिये की व्यवस्था की गई थी।

जल प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु बनाए गए गोबर के दीपक का बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दीपदान के लिए उपयोग किया। नदी के पानी को प्रदूषित करने वाले दीयों के बदले प्राकृतिक रूप से देशी गाय के गोवर से बने दीयों की जगमग से लोगों को जल प्रदूषण के प्रति जागरूक भी किया गया।

एक वर्ग जहां थर्माकोल, डिब्बे, प्लास्टिक के दोना-पत्तल आदि से प्रदूषण युक्त दीपदान कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए जागरूक श्रद्धालु गोवर से बने दीयों से दीपदान कर रहे थे।