भाजपा जो चाहती है, वही हुआ वक्फ बिल मामले में
देश में भाजपा ही एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो ऐसे काम करने का प्रयास करती है, जिसे दूसरे राजनीतिक दल करने की सोचते नहीं है। डर जाते हैं कि उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा तो राजनीतिक रूप से नुकसान हो जाएगा। इसलिए देश के तमाम राजनीतिक दलों के खाते में ऐसा कोई काम नहीं है जिसके लिए कहा जाए कि इसने ऐसा काम किया है जो और कोई कर नहीं सका।

देश में भाजपा ही एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो ऐसे काम करने का प्रयास करती है, जिसे दूसरे राजनीतिक दल करने की सोचते नहीं है। डर जाते हैं कि उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा तो राजनीतिक रूप से नुकसान हो जाएगा। इसलिए देश के तमाम राजनीतिक दलों के खाते में ऐसा कोई काम नहीं है जिसके लिए कहा जाए कि इसने ऐसा काम किया है जो और कोई कर नहीं सका। चाहे धारा-370 हटाना हो, राम मंदिर बनवाना हो,जीएसटी लागू करना हो, नोटबंदी करना हो।यह सब काम देश की सबसे बड़ी व पुरानी कांग्रेस पार्टी कर सकती थी लेकिन वोट बैंक की नाराजगी के डर से उसने किया नहीं, दूसरे किसी दल ने भी इसे करने की इच्छा तक नहीं की।
अब मोदी सरकार ने एक और ऐसा काम किया है जिसे और कोई राजनीतिक दल नहीं कर सकता था, यह काम है वक्फ कानून में संशोधन का।वक्फ कानून में कांग्रेस की नरसिम्हा सरकार ने संशोधन कर वक्फ बोर्ड को ऐसे अधिकार दे दिए जो दूसरे धर्म की किसी संस्था के पास नहीं थे। नरसिम्हा सरकार ने यह काम पार्टी की तुष्टिकरण की नीति के तहत ही किया था। जब बाबरी ढांचा गिरा दिया गया तो कांग्रेस को लगा कि उससे मुसलमान नाराज हो जाएंगे, इसलिए वक्फ कानून में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिए गए ताकि मुसलमान खुश हो जाएं। कांग्रेस के इस काम से उच्च वर्ग के मुसलमान जरूर खुश हुए और लीज पर वक्फ की संपत्ति लेकर अमीर से और अमीर हो गए जबकि गरीब मुसलमानों को वक्फ के पास अरबों की संपत्ति होने का कोई खास फायदा नहीं हुए, वक्फ बोर्ड, अमीर मुसलमान और अमीर होते चले गए और गरीब मुसलमान आजादी के समय जितने गरीब थे, आज भी उतने ही गरीब हैं।
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस इस सच से वाकिफ नहीं है कि वक्फ बोर्ड से गरीब मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हो रहा लेकिन उसे वोट तो अमीर,प्रभावशाली मुसलमान दिलाते हैं, इसलिए उसने अमीर मुसलमानों का परवाह की,प्रभावशाली मुसलमान नेताओं की परवाह की,गरीब मुसलमानों की परवाह नहीं की। भाजपा ने गरीब मुसलमानों व महिलाओं का वक्फ बोर्ड से लाभ दिलाने के लिए ही वक्फ के कानून में संशोधन करने की फैसला किया, क्योंकि वक्फ बोर्ड को जो भी संपत्ति दान में मिलती है, वह गरीब मुसलमानों व महिलाओं के मदद के लिए मिलती है। भाजपा चाहती है कि वक्फ बोर्ड का गठन जिस काम के लिए किया गया है, वक्फ बोर्ड वही काम करे। इसीलिए उसने वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश किया है। बताया जाता है कि इसमें चालीस संशोधन हैं।
भाजपा जानती थी कि इस बिल का कांग्रेस सहित विपक्ष विरोध अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए करेंगे और गरीब मुसलमान व महिलाओं के सामने आने वाले दिनों में एक्सपोज होते जाएंगे। बिल पेश करते हुए किरण रिजिजू ने बिल की कमी, खामी के बार में बता दिया,यह भी बता दिया कि इस संशोधन बिल का मकसद वक्फ बोर्ड को गरीब मुसलमानों व महिलाओं के लिए लाभकारी बनाना है। कांग्रेस सहित विपक्ष ने संसद में इसका विरोध किया,भाजपा जानती थी कांग्रेस विरोध जरूर करेगी और कहेगी की इस बिल को वापस लिया जाए या जेपीसी को भेजा जाए।भाजपा के पास बहुमत था, वह चाहती तो और बिलों की तरह इसे आसानी से संसद से पास करा सकती थी।उसने इस बिल को जेपीसी के पास इसलिए नहीं भेजा है कि कांग्रेस चाहती थी,वह तो इस बिल को इसलिए जेपीसी में भेजा है कि वह चाहती है कि इस पर लंबे समय तक बहस हो, चर्चा हो,यह राष्ट्रीय विमर्श बने। विपक्ष भी इसके बार मे जेपीसी में कुछ कहे और उस पर देश में चर्चा हो, गरीब मुसलमान व महिलाओं को पता चले कि कांग्रेस तो नहीं चाहती है कि वक्फ बोर्ड से कोई लाभ उनको हो।
ओवैशी भाजपा की इस रणनीति के समझ रहे हैं, इसलिए वह कह रहे हैं कि भाजपा मुसलमानों को बांटने की कोशिश कर रही है, हकीकत यह है कि भाजपा गरीब मुसलमान व महिलाओं को बता रही है कि वक्फ बोर्ड बना है आपकी बेहतरी के लिए और इसका लाभ आप लोगों को ही नहीं मिल रहा है। इसका पूरा लाभ अमीर व प्रभावशाली लोग उठा रहे हैं। इस बिल से भाजपा को कोई फायदा हो न हो लेकिन कांग्रेस व विपक्ष को नुकसान यह होगा कि गरीब मुसलमान व महिलाओं का जितना वोट एकमुश्त मिलता था, अब वह कम होता जाएगा जैसे जैसे गरीब मुसलमानों व महिलाओं को यह पता चलता जाएगा कि अमीर मुसलमान व प्रभावशाली मुसलमानों के कारण ही उनको वक्फ बोर्ड से कोई लाभ नहीं मिल रहा है तो वह उनका कहना नहीं मानेंगे, उनके कहने पर वोट नहीं देंगे।
इससे होगा यह कि मुसलमान वोट जिसे कांग्रेस व विपक्ष एकमुश्त पाकर पिछले चुनाव में कुछ ज्यादा सीटे जिता था, भाजपा चाहती है कि मुसलमान का एकमुश्त वोट कांग्रेस व विपक्ष को अब न मिले।यह जैसे को तैसा रणनीति है तुम भाजपा को एकमुश्त मिलने वाले हिंदू वोट को जाति के नाम पर बांटकर भाजपा को नुकसान पहुंचाना चाहते हो तो भाजपा भी तो वैसा ही करेगी।वह भी चाहेगी कि मुसलमान भी अमीर व गरीब,अगड़ा व पिछड़ा में बंटकर एकमुश्त कांग्रेस व विपक्ष को वोट न दें। भाजपा गरीब मुसलमान व महिलाओं को यह बताना चाहती है कि कांग्रेस और विपक्ष आपका भला करने वाले नहीं है, वह तो चाहते नहीं है कि आपका भला हो इसीलिए वह वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं। आने वाले समय में पता चलेगा कि भाजपा अपने प्रयास में कितना सफल रही है।