लोकतंत्र के महापर्व में युवा मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण : कलेक्टर
नव मतदाताओं का बैच लगाकर किया स्वागत

महासमुंद । लोकतंत्र के महावर्प में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हर एक युवाओं को न केवल अपने मत का प्रयोग करना चाहिए बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी प्रोत्साहित करने में आगे आना चाहिए। युवा यह तय करें कि निर्वाचन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, निर्भीक हो। उक्त बातें कलेक्टर प्रभात मलिक ने बुधवार को शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि युवा मतदाता समाज को एक नई दिशा दिखा सकता है। वे अपने मताधिकार का उपयोग कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूती प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने सभी 18 वर्ष हो चुके युवा मतदाताओें को अपना नाम मतदाता सूची में अनिवार्य रूप से जोड़ने कहा। कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक, वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रीता पांडेय, स्वीप के इंचार्ज डॉ. मालती तिवारी एवं स्वीप नोडल मैनेजमेंट रेखराज शर्मा सहित महाविद्यालय के प्राध्यापक गण व एन.सी.सी, एन.एस.एस., बी.एड. कॉलेज वे महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
कलेक्टर ने युवाओं को प्रेरित करते हुए यह भी कहा कि समान्यतः जिले में शहरी क्षेत्रों का मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम होता है जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं शत-प्रतिशत मतदान करके एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। लोकतंत्र बड़ी मुश्किल से हासिल हुई है, उसे सजाने और सवारने की जिम्मेदारी हम सबकी है। मेरा वोट मायने रखता है इस उद्देश्य के साथ हमें प्रत्येक मतदाता को जागरूक करना है। कलेक्टर ने नव मतदाताओं को बैच प्रदान कर उनका स्वागत भी किया।
इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत ने कहा कि यदि हमें अपने सपनों को साकार करना है, तो मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करना होगा। युवा देश के भविष्य हैं। हम अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करें। उन्होंने सभी युवा मतदाताओं को अपने आस-पास के लोगों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करने जिम्मेदारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि मतदाता जागरूकता अभियान ही एक माध्यम है, जिसे हम लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इसके लिए महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं की भूमिका सराहनीय है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा।