धान मिंजाई के दौरान विद्युत लाइनों की सुरक्षा का रखें ध्यान
छत्तीसगढ़ राज्य में प्रायः सभी स्थानों पर अब धान की फसल पक चुकी है

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में प्रायः सभी स्थानों पर अब धान की फसल पक चुकी है तथा किसानों द्वारा धान की मिंजाई का कार्य थ्रेसर मशीन के माध्यम से किया जा रहा है। इस दौरान खेत खलिहानों से गुजरने वाली लाइनों पर दुर्घटना की कुछ खबरों ने पॉवर कंपनी प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट किया है। दुर्घटना के कारणों और निदान के संबंध में पॉवर कंपनी द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें किसान भाइयों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
धान मिंजाई का कार्य थ्रेसर मशीनों से किया जाता है। इस दौरान खेत-खलिहानों से गुजरने वाली एलटी लाइनें, 11 केवी तथा 33 केवी लाइनों में जाकर मिंजाई के दौरान उड़ने वाला पैरा या भूसा, लाईनों में जा कर चिपक जाता है। प्रातः काल ओस के कारण पैरा या भूसा में नमी आती हैं तब लाइनों के तार आपस में सम्पर्क में आते है। जिससें निर्बाध विद्युत व्यवस्था बनाए रखने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार किसानों द्वारा धान मिंजाई के कार्य के उपरांत पैरा या भूसा का ढेर विद्युत लाइनों के नीचे रखने से भी पैरा या भूसा में आग लगने की संभावना लगातार बनी रहती है, जिससे जान-माल की हानि के अलावा लम्बा विद्युत व्यवधान होने की संभावना भी रहती है।